वर्धमान
वर्धमान, जिसे महावीर के नाम से भी जाना जाता है, जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर हैं। उनका जन्म लगभग 599 ईसा पूर्व में कुंडलपुर में हुआ था। वर्धमान ने अपने जीवन में अहिंसा, सत्य और तप का पालन किया और जैन धर्म के सिद्धांतों को फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
वर्धमान ने 30 वर्ष की आयु में संन्यास लिया और 12 वर्षों तक ध्यान और तपस्या की। उन्होंने अपने अनुयायियों को धर्म के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया। उनके उपदेशों में आत्म-नियंत्रण और करुणा का महत्व है, जो आज भी जैन समुदाय के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।