संन्यास
संन्यास एक आध्यात्मिक अवस्था है जिसमें व्यक्ति सांसारिक बंधनों से मुक्त होकर आत्मज्ञान की खोज में निकलता है। यह भारतीय संस्कृति में महत्वपूर्ण है और इसे अक्सर हिंदू धर्म के संदर्भ में देखा जाता है। संन्यास लेने वाले व्यक्ति को संन्यासी कहा जाता है, जो साधना और ध्यान के माध्यम से आत्मा की गहराई में जाने का प्रयास करते हैं।
संन्यास का उद्देश्य आत्मा की शुद्धता और मोक्ष की प्राप्ति है। यह एक प्रकार का त्याग है, जिसमें व्यक्ति भौतिक सुखों और इच्छाओं से दूर होकर केवल आध्यात्मिक विकास पर ध्यान केंद्रित करता है। संन्यास का मार्ग कठिन हो सकता है, लेकिन यह व्यक्ति को अंततः शांति और संतोष की ओर ले जाता है।