यथार्थवाद
यथार्थवाद (Realism) एक साहित्यिक और कलात्मक आंदोलन है जो 19वीं सदी में विकसित हुआ। इसका मुख्य उद्देश्य जीवन की वास्तविकता को बिना किसी आदर्शीकरण के प्रस्तुत करना है। यथार्थवादी लेखक और कलाकार समाज की समस्याओं, मानवीय अनुभवों और रोजमर्रा की जिंदगी को अपने काम में दर्शाते हैं।
इस आंदोलन के प्रमुख प्रतिनिधियों में गुस्ताव फ्लोबेर, लेव टॉल्स्टॉय और मार्क ट्वेन शामिल हैं। यथार्थवाद ने साहित्य और कला में एक नई दिशा दी, जिससे पाठकों और दर्शकों को वास्तविकता के प्रति एक नई समझ मिली। यह आंदोलन आज भी कई क्षेत्रों में प्रभावी है।