पल्स डायग्नोसिस
पल्स डायग्नोसिस एक पारंपरिक चिकित्सा पद्धति है, जिसमें चिकित्सक मरीज की नाड़ी को महसूस करके उनके स्वास्थ्य की स्थिति का आकलन करते हैं। यह पद्धति मुख्य रूप से आयुर्वेद में उपयोग की जाती है, जहां नाड़ी की गति, ताकत और लय के आधार पर विभिन्न शारीरिक और मानसिक समस्याओं का पता लगाया जाता है।
इस प्रक्रिया में, चिकित्सक मरीज की नाड़ी को विभिन्न स्थानों पर महसूस करते हैं, जैसे कि कलाई या गले में। पल्स डायग्नोसिस से चिकित्सक को शरीर के अंगों की कार्यप्रणाली, दोष (वात, पित्त, कफ) की स्थिति और समग्र स्वास्थ्य का मूल्यांकन करने में मदद मिलती है।