इमैनुएल कांट
इमैनुएल कांट (1724-1804) एक प्रमुख जर्मन दार्शनिक थे, जिन्हें आधुनिक दार्शनिकता के पिता के रूप में जाना जाता है। उनकी सबसे प्रसिद्ध कृति, क्रिटिक ऑफ प्योर रीजन, में उन्होंने ज्ञान, अनुभव और तर्क के बीच संबंधों की जांच की। कांट ने यह तर्क किया कि मानव अनुभव को समझने के लिए हमें पहले से निर्धारित श्रेणियों की आवश्यकता होती है।
कांट की नैतिकता पर भी गहरा प्रभाव पड़ा है, विशेष रूप से उनके कैटिगोरिकल इम्पेरटिव के सिद्धांत के माध्यम से। उन्होंने यह बताया कि नैतिकता का आधार तर्क और सार्वभौमिकता होना चाहिए। उनके विचारों ने दार्शनिकता, राजनीति और नैतिकता के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।