अस्तेय
अस्तेय एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ है "चोरी न करना" या "दूसरों की संपत्ति का हरण न करना"। यह हिंदू धर्म के योग और आचार में एक महत्वपूर्ण नैतिक सिद्धांत है। अस्तेय का पालन करने से व्यक्ति की आत्मा में शांति और संतोष बढ़ता है, और यह समाज में विश्वास और सहयोग को बढ़ावा देता है।
अस्तेय का अभ्यास केवल भौतिक वस्तुओं तक सीमित नहीं है, बल्कि यह विचारों और समय के संदर्भ में भी लागू होता है। इसका अर्थ है कि हमें दूसरों की मेहनत, विचारों और समय का सम्मान करना चाहिए। इस सिद्धांत का पालन करने से व्यक्ति की नैतिकता और सामाजिक जिम्मेदारी में वृद्धि होती है।