स्वदेशी जनजातियों
स्वदेशी जनजातियाँ वे समुदाय हैं जो किसी क्षेत्र के मूल निवासी होते हैं और जिनकी अपनी विशेष संस्कृति, भाषा और परंपराएँ होती हैं। ये जनजातियाँ अक्सर अपने पारंपरिक जीवनशैली को बनाए रखती हैं और प्राकृतिक संसाधनों के साथ गहरे संबंध में रहती हैं।
भारत में, स्वदेशी जनजातियों में संताली, गोंड और मीणा जैसी कई जनजातियाँ शामिल हैं। ये जनजातियाँ अपने अद्वितीय रीति-रिवाजों और सामाजिक संरचनाओं के लिए जानी जाती हैं। स्वदेशी जनजातियों का संरक्षण और उनके अधिकारों की रक्षा करना महत्वपूर्ण है, ताकि उनकी सांस्कृतिक धरोहर सुरक्षित रह सके।