सुधार आंदोलन
सुधार आंदोलन एक सामाजिक और धार्मिक परिवर्तन की प्रक्रिया है, जिसका उद्देश्य समाज में सुधार लाना और पुरानी परंपराओं को चुनौती देना है। यह आंदोलन मुख्यतः 19वीं और 20वीं शताब्दी में भारत में उभरा, जब कई विचारक और नेता जैसे राजाराम मोहन राय और स्वामी विवेकानंद ने सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाई।
इस आंदोलन का मुख्य फोकस शिक्षा, महिलाओं के अधिकार, और जातिवाद के खिलाफ था। सुधार आंदोलनों ने भारतीय समाज में जागरूकता बढ़ाई और लोगों को सामाजिक न्याय और समानता के लिए प्रेरित किया। इसके परिणामस्वरूप कई सुधारात्मक कानून और नीतियाँ लागू की गईं।