वैराग्य
वैराग्य एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ है "अविरक्ति" या "संन्यास"। यह एक मानसिक स्थिति है, जिसमें व्यक्ति भौतिक वस्तुओं और सांसारिक इच्छाओं से दूर हो जाता है। वैराग्य का अभ्यास करने से व्यक्ति आत्मिक शांति और संतोष प्राप्त कर सकता है। यह अक्सर योग और ध्यान के साथ जुड़ा होता है।
वैराग्य का महत्व भारतीय दर्शन में बहुत अधिक है। यह भगवद गीता और उपनिषदों जैसे ग्रंथों में भी वर्णित है। वैराग्य का उद्देश्य आत्मा की वास्तविकता को समझना और जीवन के अस्थायी सुखों से परे जाना है। यह व्यक्ति को आत्म-ज्ञान और मोक्ष की ओर अग्रसर करता है।