रवांडा नरसंहार
रवांडा नरसंहार 1994 में हुआ, जब हुतु समुदाय ने तुत्सी समुदाय के खिलाफ एक भयानक हिंसा का अभियान चलाया। यह नरसंहार लगभग 100 दिनों तक चला, जिसमें अनुमानित 800,000 लोग मारे गए। यह घटना जातीय तनाव और राजनीतिक संघर्ष का परिणाम थी, जो कई वर्षों से चल रहा था।
इस नरसंहार के दौरान, कई लोगों ने अपने पड़ोसियों और दोस्तों के खिलाफ हिंसा की। अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इस संकट को रोकने में असफलता दिखाई, जिससे स्थिति और भी बिगड़ गई। यह घटना मानवाधिकारों के उल्लंघन का एक गंभीर उदाहरण है और आज भी इसकी यादें जीवित हैं।