भीष्म प्रतिज्ञा
भीष्म प्रतिज्ञा, महाभारत के एक महत्वपूर्ण प्रसंग में, भीष्म की एक दृढ़ प्रतिज्ञा है। उन्होंने अपने पिता शांतनु की इच्छा के अनुसार, आजीवन ब्रह्मचर्य का पालन करने और राजगद्दी का त्याग करने का संकल्प लिया। इस प्रतिज्ञा के कारण, वह युद्ध में कौरव और पांडव दोनों के लिए एक महत्वपूर्ण पात्र बने।
इस प्रतिज्ञा का प्रभाव महाभारत के युद्ध पर गहरा पड़ा। भीष्म ने अपने ज्ञान और युद्ध कौशल से कई महत्वपूर्ण घटनाओं को प्रभावित किया। उनकी प्रतिज्ञा ने उन्हें एक आदर्श योद्धा और धर्म के प्रतीक के रूप में स्थापित किया, जो अपने कर्तव्यों के प्रति अडिग रहे।