भारतीय दंड संहिता
भारतीय दंड संहिता (IPC) 1860 में लागू हुई थी और यह भारत में आपराधिक कानून का मुख्य आधार है। इसका उद्देश्य विभिन्न अपराधों की परिभाषा और उनके लिए दंड निर्धारित करना है। IPC में विभिन्न धाराएँ हैं जो हत्या, चोरी, धोखाधड़ी, और बलात्कार जैसे अपराधों को कवर करती हैं।
IPC का निर्माण भारतीय संसद द्वारा किया गया था और यह भारत के सभी नागरिकों पर लागू होता है। यह कानून न्यायालयों को अपराधों के लिए सजा देने में मार्गदर्शन करता है और समाज में सुरक्षा और व्यवस्था बनाए रखने में मदद करता है।