प्रगतिशील साहित्य आंदोलन
प्रगतिशील साहित्य आंदोलन 20वीं सदी के मध्य में भारत में शुरू हुआ। इसका उद्देश्य समाज में व्याप्त सामाजिक असमानता, असमानता, और अवसरवाद के खिलाफ आवाज उठाना था। इस आंदोलन ने साहित्य को एक माध्यम बनाया, जिससे लेखक अपने विचारों और अनुभवों को साझा कर सकें।
इस आंदोलन के प्रमुख लेखक सआदत हसन मंटो, प्रेमचंद, और जगदीश चंद्र माथुर थे। उन्होंने अपने लेखन के माध्यम से किसान, मजदूर, और महिलाओं की समस्याओं को उजागर किया। प्रगतिशील साहित्य ने पाठकों को सामाजिक बदलाव के लिए प्रेरित किया और साहित्य को एक सशक्त माध्यम बनाया।