गॉथिक कला
गॉथिक कला एक महत्वपूर्ण कला शैली है जो 12वीं से 16वीं शताब्दी के बीच यूरोप में विकसित हुई। यह शैली मुख्य रूप से गॉथिक वास्तुकला के लिए जानी जाती है, जिसमें ऊँची इमारतें, नुकीले मेहराब, और विस्तृत खिड़कियाँ शामिल हैं। कैथेड्रल जैसे धार्मिक स्थलों में इस कला का विशेष प्रभाव देखने को मिलता है।
गॉथिक कला में चित्रकला, मूर्तिकला और सजावटी कला का भी समावेश होता है। इस शैली में संतों और धार्मिक दृश्यों को दर्शाने वाले चित्रों का उपयोग किया गया, जो धार्मिक भावनाओं को व्यक्त करते हैं। गॉथिक कला ने यूरोप की सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।