गुरु-शिष्य परंपरा
गुरु-शिष्य परंपरा भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसमें गुरु (शिक्षक) और शिष्य (छात्र) के बीच ज्ञान और अनुभव का आदान-प्रदान होता है। इस परंपरा में गुरु अपने शिष्य को न केवल शैक्षणिक ज्ञान, बल्कि नैतिक और आध्यात्मिक शिक्षा भी प्रदान करते हैं।
यह परंपरा प्राचीन समय से चली आ रही है और इसे वेद, उपनिषद और अन्य धार्मिक ग्रंथों में भी वर्णित किया गया है। गुरु-शिष्य संबंध में विश्वास, सम्मान और समर्पण की भावना होती है, जो शिष्य के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।