अपरिग्रह
अपरिग्रह एक महत्वपूर्ण सिद्धांत है जो जैन धर्म और बौद्ध धर्म में पाया जाता है। इसका अर्थ है "अधिक न लेना" या "अधिक संचय न करना"। यह विचार हमें सिखाता है कि हमें केवल उतना ही लेना चाहिए जितनी आवश्यकता हो, ताकि हम भौतिक वस्तुओं के प्रति आसक्ति से बच सकें।
इस सिद्धांत का उद्देश्य मानसिक शांति और संतोष प्राप्त करना है। अपरिग्रह का पालन करने से व्यक्ति को जीवन में संतुलन और सरलता मिलती है। यह हमें सिखाता है कि भौतिक संपत्ति की अधिकता से खुशी नहीं मिलती, बल्कि संतोष और संयम से सच्ची खुशी प्राप्त होती है।