मादम बोवारी
"मादम बोवारी" एक प्रसिद्ध उपन्यास है जिसे गुस्ताव फ्लोबेर ने लिखा है। यह कहानी एम्मा बोवारी नामक एक महिला की है, जो अपने जीवन में संतोष और खुशी की तलाश में है। एम्मा की आकांक्षाएँ और उसके सपने उसे एक असंतोषजनक जीवन की ओर ले जाते हैं, जो अंततः उसकी दुखद कहानी का कारण बनता है।
यह उपन्यास 1856 में प्रकाशित हुआ था और इसे साहित्य में यथार्थवाद का एक महत्वपूर्ण उदाहरण माना जाता है। "मादम बोवारी" ने फेमिनिज़्म और सामाजिक मानदंडों पर गहरी छाप छोड़ी है, और यह आज भी पाठकों के बीच चर्चा का विषय है।