भास
भास एक प्राचीन भारतीय नाटककार हैं, जिन्हें संस्कृत नाटक के लिए जाना जाता है। उनके नाटकों में मानव भावनाओं और सामाजिक मुद्दों का गहरा चित्रण मिलता है। भास के काम में रामायण और महाभारत जैसे महाकाव्यों के तत्वों का समावेश होता है, जो उन्हें अद्वितीय बनाता है।
भास के नाटक, जैसे स्वप्नवासवदत्ता और मध्यमव्यायोग, आज भी मंच पर प्रस्तुत किए जाते हैं। उनके लेखन की शैली सरल और प्रभावशाली है, जो दर्शकों को आसानी से आकर्षित करती है। भास का योगदान भारतीय नाट्य कला में महत्वपूर्ण है और उन्हें नाटक के इतिहास में एक महान व्यक्तित्व माना जाता है।