बियॉंड गुड एंड एविल
"बियॉंड गुड एंड एविल" Beyond Good and Evil एक महत्वपूर्ण दार्शनिक ग्रंथ है जिसे फ्रेडरिक नीत्शे ने 1886 में लिखा। इस पुस्तक में, नीत्शे ने पारंपरिक नैतिकता और मूल्य प्रणाली की आलोचना की है, यह तर्क करते हुए कि नैतिकता केवल शक्ति और इच्छाओं का परिणाम है।
इसमें नीत्शे ने विचारों की स्वतंत्रता और व्यक्तिगत दृष्टिकोण के महत्व पर जोर दिया। वह यह सुझाव देते हैं कि हमें अपने मूल्यों को फिर से परिभाषित करना चाहिए और अपने जीवन को अपने अनुभवों के आधार पर जीना चाहिए, न कि समाज के स्थापित मानदंडों के अनुसार।