पाथेर पांचाली
"पाथेर पांचाली" एक प्रसिद्ध बांग्ला उपन्यास है, जिसे बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय ने लिखा था। यह उपन्यास 1929 में प्रकाशित हुआ और भारतीय साहित्य में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इसकी कहानी एक गरीब परिवार की जीवन संघर्षों और उनके सपनों को दर्शाती है।
इस उपन्यास को सत्यजीत रे ने 1955 में एक फिल्म के रूप में रूपांतरित किया, जो भारतीय सिनेमा की एक मील का पत्थर मानी जाती है। "पाथेर पांचाली" का अर्थ है "पथ के गीत", और यह ग्रामीण जीवन की सरलता और कठिनाइयों को खूबसूरती से प्रस्तुत करता है।