नॉन-यूक्लिडियन ज्यामिति
नॉन-यूक्लिडियन ज्यामिति एक प्रकार की ज्यामिति है जो यूक्लिडियन ज्यामिति के नियमों से भिन्न है। यह ज्यामिति उन स्थानों पर लागू होती है जहाँ पारंपरिक यूक्लिडियन सिद्धांत, जैसे कि समांतर रेखाओं का सिद्धांत, सही नहीं होते।
इसका विकास 19वीं सदी में हुआ, जब गणितज्ञों ने यह दिखाया कि विभिन्न प्रकार की सतहों, जैसे कि गोलाकार या हाइपरबोलिक, पर ज्यामितीय नियम अलग हो सकते हैं। नॉन-यूक्लिडियन ज्यामिति का उपयोग भौतिकी और खगोलशास्त्र में महत्वपूर्ण है, विशेषकर आसमान में वस्तुओं के व्यवहार को समझने में।