नवयथार्थवाद
नवयथार्थवाद (New Realism) एक दार्शनिक विचारधारा है जो 20वीं सदी के मध्य में विकसित हुई। यह विचारधारा वास्तविकता को एक स्वतंत्र और वस्तुनिष्ठ रूप में देखने पर जोर देती है, जिसमें मानव अनुभव और धारणा को प्राथमिकता नहीं दी जाती। नवयथार्थवाद का मुख्य उद्देश्य यह है कि ज्ञान और वास्तविकता के बीच का संबंध स्पष्ट किया जाए।
इस सिद्धांत के अनुसार, वस्तुएं और घटनाएं अपने आप में अस्तित्व रखती हैं, चाहे उन्हें कोई देखे या नहीं। दार्शनिक वास्तविकता और ज्ञान के बीच के संबंध को समझने के लिए नवयथार्थवाद ने कई महत्वपूर्ण विचारों को प्रस्तुत किया है, जो आधुनिक दार्शनिक चर्चाओं में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं।