दीवान-ए-आम
दीवान-ए-आम, जिसे आम जनता के लिए दरबार कहा जाता है, मुगल साम्राज्य के समय में एक महत्वपूर्ण स्थान था। यह वह स्थान था जहाँ सम्राट या शासक आम लोगों की समस्याओं को सुनते थे और उनके साथ संवाद करते थे। यहाँ पर लोग अपनी शिकायतें और सुझाव सीधे शासक के सामने रख सकते थे।
यह स्थान आमतौर पर भव्य महलों में स्थित होता था, जैसे कि लाल किला या फतेहपुर सीकरी। दीवान-ए-आम में शासक के साथ दरबारी और अन्य अधिकारी भी उपस्थित होते थे, जो निर्णय लेने में मदद करते थे। यह एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया का प्रतीक था, जहाँ आम जनता की आवाज़ सुनी जाती थी।