जुहर
जुहर एक ऐतिहासिक परंपरा है, जिसमें एक समुदाय या समूह अपने आत्म-सम्मान और स्वतंत्रता की रक्षा के लिए आत्मदाह करने का निर्णय लेते हैं। यह प्रथा मुख्य रूप से भारतीय उपमहाद्वीप में देखी गई है, विशेषकर राजपूत समुदाय में। जुहर का उद्देश्य दुश्मनों के हाथों अपमान से बचना और अपने परिवार की महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना होता था।
इस प्रथा का सबसे प्रसिद्ध उदाहरण चित्तौड़ के किले में हुआ था, जब रानी पद्मिनी और अन्य महिलाओं ने दुश्मनों से बचने के लिए आत्मदाह किया। जुहर की घटनाएँ भारतीय इतिहास में साहस और बलिदान के प्रतीक के रूप में जानी जाती हैं, और यह भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।