काकातीय वास्तुकला
काकातीय वास्तुकला, जो काकातीय साम्राज्य के दौरान विकसित हुई, दक्षिण भारत की एक महत्वपूर्ण वास्तुकला शैली है। यह शैली मुख्यतः तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में देखी जाती है। काकातीय वास्तुकला में भव्य मंदिरों, किलों और जलाशयों का निर्माण शामिल है, जो उनकी धार्मिक और सामरिक महत्व को दर्शाते हैं।
इस वास्तुकला की विशेषताएँ में जटिल नक्काशी, स्तंभों की सजावट और विस्तृत प्रवेश द्वार शामिल हैं। प्रमुख उदाहरणों में वारंगल का किला और काकातीय मंदिर शामिल हैं, जो इस शैली की उत्कृष्टता और समृद्धि को दर्शाते हैं। काकातीय वास्तुकला ने भारतीय वास्तुकला पर गहरा प्रभाव डाला है।