कस्बा उडाया
"कस्बा उडाया" एक प्रसिद्ध हिंदी कविता है, जिसे सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' ने लिखा है। यह कविता भारतीय गाँवों की जीवनशैली और उनकी समस्याओं को दर्शाती है। इसमें गाँव के लोगों की मेहनत, संघर्ष और उनके सपनों का चित्रण किया गया है।
कविता में कस्बा की सुंदरता और वहाँ के लोगों की सरलता को उजागर किया गया है। यह कविता समाज के प्रति एक गहरी सोच और संवेदनशीलता को प्रकट करती है, जो पाठकों को गाँवों की वास्तविकता से जोड़ती है।