कर्णाटिक राग
कर्णाटिक राग भारतीय शास्त्रीय संगीत की एक महत्वपूर्ण शैली है, जो मुख्यतः दक्षिण भारत में प्रचलित है। यह रागों का एक समूह है, जो विभिन्न स्वरों और लय के संयोजन से बनते हैं। कर्णाटिक संगीत में रागों का उपयोग मुख्य रूप से भक्ति, प्रेम और प्रकृति के विषयों को व्यक्त करने के लिए किया जाता है।
कर्णाटिक रागों में राग, ताला और कर्णाटिक संगीत के सिद्धांत शामिल होते हैं। प्रत्येक राग का अपना एक विशेष मूड और भाव होता है, जो सुनने वाले पर गहरा प्रभाव डालता है। कर्णाटिक संगीत में वोकल और इंस्ट्रूमेंटल दोनों प्रकार की प्रस्तुतियाँ होती हैं, जो इसे और भी समृद्ध बनाती हैं।