इमाम हुसैन
इमाम हुसैन, इस्लाम के दूसरे इमाम, अली और फातिमा के बेटे थे। उनका जन्म 626 ईस्वी में मदीना में हुआ। इमाम हुसैन को शहादत के लिए जाना जाता है, जब उन्होंने 680 ईस्वी में करबला की लड़ाई में अपने परिवार और अनुयायियों के साथ अत्याचार के खिलाफ संघर्ष किया।
उनकी शहादत ने इस्लाम में न्याय और सत्य के प्रतीक के रूप में एक महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त किया। इमाम हुसैन की कहानी आज भी शिया और सुन्नी मुसलमानों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उनकी विरासत हर साल अशूरा के दिन मनाई जाती है, जब लोग उनकी याद में शोक मनाते हैं।