स्केल ऑफ प्रोडक्शन
स्केल ऑफ प्रोडक्शन का अर्थ है उत्पादन की मात्रा और उसकी लागत का संबंध। जब उत्पादन की मात्रा बढ़ती है, तो प्रति यूनिट लागत कम होती है। यह प्रक्रिया अर्थशास्त्र में महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह उत्पादन की दक्षता को बढ़ाती है और बाजार में प्रतिस्पर्धा को प्रभावित करती है।
स्केल ऑफ प्रोडक्शन को दो प्रकारों में बांटा जा सकता है: अवधारणात्मक स्केल और नकारात्मक स्केल। सकारात्मक स्केल में, उत्पादन बढ़ने पर लागत घटती है, जबकि नकारात्मक स्केल में, उत्पादन बढ़ने पर लागत बढ़ती है। यह समझना व्यापार के लिए आवश्यक है, ताकि वे अपने संसाधनों का सही उपयोग कर सकें।