सोन-कल
सोन-कल, जिसे सोनार भी कहा जाता है, एक प्राचीन भारतीय कला है जो मुख्य रूप से मध्यकालीन भारत में विकसित हुई। यह कला धातु, विशेषकर सोना और चांदी, को बारीकी से काटकर और आकार देकर सुंदर वस्तुएं बनाने में माहिर है। सोन-कल का उपयोग आभूषण, धार्मिक मूर्तियों और अन्य सजावटी वस्तुओं के निर्माण में किया जाता है।
इस कला में निपुण कारीगरों द्वारा विभिन्न तकनीकों का उपयोग किया जाता है, जैसे कि इंक्रीस्टेशन और एंमलिंग। सोन-कल की वस्तुएं न केवल उनकी सुंदरता के लिए जानी जाती हैं, बल्कि उनकी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व के लिए भी। यह कला आज भी कई स्थानों पर जीवित है और इसे संरक्षित करने के प्रयास जारी हैं।