सूरज का सातवां घोड़ा
"सूरज का सातवां घोड़ा" एक प्रसिद्ध हिंदी उपन्यास है, जिसे धर्मवीर भारती ने लिखा है। यह कहानी एक युवा कवि की है, जो अपने जीवन में संघर्ष और आत्म-खोज की यात्रा पर निकलता है। उपन्यास में साहित्य, प्रेम, और समाज के विभिन्न पहलुओं को गहराई से दर्शाया गया है।
इस उपन्यास का शीर्षक सूरज के प्रतीकात्मक महत्व को दर्शाता है, जो जीवन और आशा का प्रतीक है। "सातवां घोड़ा" एक रहस्यमय तत्व है, जो कवि की खोज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह कहानी पाठकों को प्रेरित करती है और जीवन के गूढ़ अर्थों पर विचार करने के लिए प्रेरित करती है।