श्री शंकराचार्य
श्री शंकराचार्य, एक महान भारतीय दार्शनिक और धार्मिक नेता थे, जिन्होंने 8वीं शताब्दी में अद्वैत वेदांत का प्रचार किया। उनका मुख्य उद्देश्य वेदों के ज्ञान को सरलता से समझाना और भारतीय संस्कृति में एकता लाना था। उन्होंने कई मठों की स्थापना की, जिनमें दक्षिणामूर्ति मठ और शृंगेरी मठ शामिल हैं।
शंकराचार्य ने ब्रह्म और आत्मा के अद्वितीयता के सिद्धांत को प्रस्तुत किया, जो यह बताता है कि आत्मा और ब्रह्म एक ही हैं। उन्होंने कई ग्रंथों की रचना की, जैसे ब्रह्मसूत्र भाष्य और गौडपाद भाष्य, जो आज भी अध्ययन का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। उनके विचारों ने भारतीय दर्शन को गहराई से प्रभावित किया।