रूमी
रूमी, जिनका पूरा नाम जलालुद्दीन मोहम्मद रूमी है, एक प्रसिद्ध सूफी कवि और विचारक थे। उनका जन्म 1207 में बुर्सा, तुर्की में हुआ था। रूमी ने अपने जीवन का अधिकांश समय कुनिया में बिताया और उन्होंने इस्लाम के आध्यात्मिकता पर गहन विचार किए। उनकी कविताएँ प्रेम, एकता और आत्मा की खोज के विषयों पर आधारित हैं।
रूमी की सबसे प्रसिद्ध कृति दीवान-ए-शम्स-ए-ताबरीज़ी है, जिसमें उन्होंने अपने गुरु शम्स ताबरीज़ी के प्रति अपनी गहरी श्रद्धा व्यक्त की है। उनकी रचनाएँ आज भी लोगों को प्रेरित करती हैं और विभिन्न भाषाओं में अनुवादित की गई हैं। रूमी की शिक्षाएँ मानवता के लिए