भक्ति आंदोलन
भक्ति आंदोलन एक धार्मिक और सामाजिक आंदोलन था जो 15वीं से 17वीं शताब्दी के बीच भारत में विकसित हुआ। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को ईश्वर के प्रति व्यक्तिगत भक्ति और प्रेम के माध्यम से जोड़ना था। इस आंदोलन में विभिन्न संतों ने हिंदू धर्म के विभिन्न रूपों को अपनाया और कृष्ण, राम जैसे देवताओं की पूजा की।
इस आंदोलन ने जाति और वर्ग भेद को समाप्त करने का प्रयास किया। संतों जैसे कबीर, मीरा बाई और तुलसीदास ने अपने भक्ति गीतों और कविताओं के माध्यम से समाज में समानता और प्रेम का संदेश फैलाया। भक्ति आंदोलन ने भारतीय संस्कृति और धार्मिकता में महत्वपूर्ण योगदान दिया।