पूंजीवाद
पूंजीवाद एक आर्थिक प्रणाली है जिसमें उत्पादन के साधन निजी स्वामित्व में होते हैं। इसमें लोग अपने लाभ के लिए वस्त्र, सेवाएँ और संसाधनों का व्यापार करते हैं। इस प्रणाली में बाजार की शक्तियाँ, जैसे कि आपूर्ति और मांग, मूल्य निर्धारण को निर्धारित करती हैं।
पूंजीवाद का मुख्य उद्देश्य आर्थिक विकास और व्यक्तिगत स्वतंत्रता को बढ़ावा देना है। इसमें प्रतिस्पर्धा महत्वपूर्ण होती है, जिससे नवाचार और गुणवत्ता में सुधार होता है। अर्थशास्त्र के सिद्धांतों के अनुसार, यह प्रणाली समाज में समृद्धि लाने में सहायक हो सकती है।