पुरुषार्थ
पुरुषार्थ एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ है "मनुष्य का प्रयास" या "उद्देश्य"। यह चार मुख्य लक्ष्यों को दर्शाता है: धर्म (धार्मिकता), अर्थ (धन), काम (इच्छाएँ) और मोक्ष (मोक्ष या मुक्ति)। ये चारों लक्ष्य जीवन के संतुलित विकास के लिए महत्वपूर्ण माने जाते हैं।
पुरुषार्थ का सिद्धांत भारतीय संस्कृति में गहरा प्रभाव डालता है। यह बताता है कि मनुष्य को अपने जीवन में इन चार लक्ष्यों को संतुलित रूप से प्राप्त करने का प्रयास करना चाहिए। इस प्रकार, पुरुषार्थ न केवल व्यक्तिगत विकास के लिए, बल्कि समाज के समग्र कल्याण के लिए भी आवश्यक है।