नव-शास्त्रीय
नव-शास्त्रीय (Neoclassical) एक कला और साहित्यिक आंदोलन है जो 18वीं और 19वीं शताब्दी में विकसित हुआ। यह आंदोलन प्राचीन ग्रीक और रोमन संस्कृति से प्रेरित था, जिसमें संतुलन, अनुशासन और तर्क का महत्व था। नव-शास्त्रीय कला में स्पष्ट रेखाएँ और सरलता होती है, जो इसे अन्य शैलियों से अलग बनाती है।
नव-शास्त्रीय साहित्य में भी समान सिद्धांतों का पालन किया गया। लेखकों ने होरस, वर्जिल और सोफोक्लेस जैसे प्राचीन लेखकों के कामों से प्रेरणा ली। इस आंदोलन ने रोमांटिकिज़्म के उदय से पहले की अवधि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसमें भावनाओं की बजाय तर्क और तात्त्विकता पर जोर दिया गया।