छायावाद
छायावाद एक साहित्यिक आंदोलन है जो 20वीं सदी की शुरुआत में हिंदी साहित्य में उभरा। इसका मुख्य उद्देश्य मानव भावनाओं, प्रकृति और जीवन के गहरे अनुभवों को व्यक्त करना था। इस आंदोलन के प्रमुख कवियों में सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' और जयशंकर प्रसाद शामिल हैं।
छायावाद में कवियों ने प्रकृति और रूमानी भावनाओं को प्राथमिकता दी। इस आंदोलन ने कविता को एक नई दिशा दी, जिसमें व्यक्तिगत अनुभव और संवेदनाओं को महत्व दिया गया। छायावाद ने हिंदी साहित्य में एक नई चेतना और गहराई का संचार किया।