गुरमुखी
गुरमुखी एक लिपि है जो मुख्य रूप से सिख धर्म के ग्रंथों और साहित्य में उपयोग की जाती है। यह लिपि पंजाबी भाषा को लिखने के लिए विकसित की गई थी और इसे गुरु नानक द्वारा मान्यता प्राप्त हुई। गुरमुखी का नाम "गुरु के मुख से" आया है, जो यह दर्शाता है कि यह लिपि गुरुओं के उपदेशों को लिखने के लिए बनाई गई थी।
गुरमुखी लिपि में 41 अक्षर होते हैं, जिनमें स्वर और व्यंजन दोनों शामिल हैं। यह लिपि सरल और स्पष्ट है, जिससे इसे पढ़ना और लिखना आसान होता है। गुरमुखी का उपयोग आदिग्रंथ जैसे महत्वपूर्ण धार्मिक ग्रंथों में किया गया है, जो सिखों के लिए आध्यात्मिक मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।