आर्किमिडियन स्पाइरल
आर्किमिडियन स्पाइरल एक गणितीय आकृति है जो आर्किमिडीज द्वारा खोजी गई थी। यह एक सममित घुमावदार रेखा है जो एक निश्चित दर पर बढ़ती है। इसे कार्टेशियन समन्वय में r = a + b\theta के रूप में व्यक्त किया जा सकता है, जहाँ r ध्रुवीय समन्वय में दूरी है, \theta कोण है, और a तथा b स्थिरांक हैं।
यह स्पाइरल विभिन्न क्षेत्रों में उपयोगी है, जैसे भौतिकी, इंजीनियरिंग, और कला। इसकी विशेषताएँ इसे गणितीय ग्राफ और भौतिकी में अध्ययन के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण बनाती हैं। आर्किमिडियन स्पाइरल का उपयोग विभिन्न प्रकार के डिज़ाइन और संर